AD CODES

मध्य प्रदेश में बनेगा देश का पहला साइंटिस्ट मेमोरियल - India's First Scientist Memorial To Come Up In Madhya Pradesh - MP GK

 


मध्य प्रदेश में बनेगा देश का पहला साइंटिस्ट मेमोरियल - India's First Scientist Memorial To Come Up In Madhya Pradesh - MP GK




परिचय

               19 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की कार्य समिति की 61वीं बैठक में तय किया गया कि विज्ञान के प्रसार में अग्रणी और प्राचीन उज्जैन नगर में देश के पहले साइंटिस्ट मेमोरियल की स्थापना की जाएगी।


प्रमुख बिंदु

  • कार्य समिति की 61वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि प्रदेश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिक नीति शीघ्र ही घोषित की जाएगी तथा विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देते हुए साइंस सिटी और संभाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर के निर्माण पर फोकस किया जाए।
  • परिषद के महानिदेशक ने बताया कि देश में साइंस मेमोरियल तो हैं, लेकिन उज्जैन के तारामंडल में साइंटिस्ट मेमोरियल बनाने का यह पहला प्रकरण है। युवा वैज्ञानिकों की एक प्रतियोगिता में इस तरह का प्रस्ताव आया है। परिषद ने प्रस्ताव पर तत्काल कार्य प्रारंभ करने की सहमति दी है।
  • इसी तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिये विज्ञान पर्यटन विकसित करने पर भी चर्चा की गई। जबलपुर और उज्जैन में बनने वाले रीजनल साइंस सेंटर के कार्यों के अनुमोदन के दौरान तय किया गया है कि हर 300 किमी. पर साइंस सेंटर और संभाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर बनाए जाएंगे।
  • बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी ज़िलों में ड्रोन ट्रेनिंग के इंतजाम किये जाएँ और सभी ज़िलों में एक जैसी ट्रेनिंग के स्थान पर ड्रोन की अलग-अलग तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाए। प्रदेश के ज़िलों को ड्रोन ट्रेनिंग के लिये प्रारंभिक तौर पर 10-10 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
  • मंत्री सखलेचा ने ज़िलों के डिजिटल एटलस बनाने की कार्य-योजना की समीक्षा कर निर्देश दिये कि मध्य प्रदेश के एटलस में ज़िले के महत्त्वपूर्ण प्रोडक्ट और प्रोजेक्ट को शामिल करें। इससे दुनिया से कोई भी यह जान सके कि किस उत्पाद की कहाँ उपलब्धता है। उन्होंने इस कार्य में कॉलेज के विज्ञान विद्यार्थियों का सहयोग लेने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिये पुरस्कृत करने के निर्देश भी दिये।
  • मंत्री सखलेचा ने कहा कि देश के ख्यातिलब्ध 15 से 20 वैज्ञानिक और विशेषज्ञों का एक सलाहकार बोर्ड भी बनाया जाए। यह बोर्ड हर दो माह में रिसर्च और तकनीकी आधारित ज्ञान को साझा करेगा, जो प्रदेश में विज्ञान गतिविधियों के प्रसार में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि युवा और नव उद्यमियों को विज्ञान और तकनीकी का लाभ सुनिश्चित करने के लिये माह में 2 बार सेमिनार और वेबिनार किये जाएँ।
  • समिति में तय किया गया कि बाँस, केला और नारियल से फाइबर बनाने की तकनीक पर काम किया जाएगा। परंपरागत फर्नीचर के स्थान पर मानव की ज़रूरत के मान से फर्नीचर उत्पादन में वैज्ञानिक और तकनीक आधारित बदलाव लाए जाएंगे। साथ ही हेल्थ डाटाबेस तैयार करने पर भी परिषद कार्य करेगी, जिससे स्वास्थ्य बीमा पर होने वाले व्यय को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सके।
  • परिषद द्वारा हर वर्ष युवा वैज्ञानिकों को दी जाने वाली कनिष्ठ और वरिष्ठ स्तर की शोध अध्येतावृत्ति को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई। इसमें क्रमश: 5 और 10 हज़ार रुपए की वृद्धि की गई है।
  • कार्य-समिति में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न नवीन आयामों से सतत रूप से सभी विभागों और मंत्रियों को अवगत कराने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई। यह भी तय किया गया कि सभी विभागों की संरचना के दृष्टिगत अलग-अलग माड्यूल बनाया जाए।
  • बैठक में परिषद में कार्यरत् परियोजना अमले की फेलोशिप में वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई। संभाग और ज़िला स्तर पर विज्ञान फिल्मों के विकास और निर्माण के साथ ही विज्ञान फिल्म फेस्टीवल किये जाने पर भी निर्णय लिया गया।









Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.